Saturday, 3 March 2012

[Lovers India] [Narpatanu] miss u lot


ईतना क्यों याद आ रहे हो
दिये की तरह जला रहे हो 
दिल कहीं बहलता नहीं 
संभालू कैसे संभलता नहीं 
रूक  न जाये सांसे 
क्यूँ मुझे सता रहे हो 
तुम्हे कुछ खबर नहीं है 
चाहतो का असर नहीं है 
किस दुनिया में बसे हो 
इतने दिन कहा रहे हो 
दिल है बहुत बेक़रार
क्यूँ मुझे रुला रहे हो 
फूलो की ज़मीं तारों का आसमा 
दिल की बस्ती बसाये बसाये नया जमाना 
कैसा प्यरा प्यरा हे समां 
जान मेरी कब आ रहे हो !!



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Posted By Narpatanu "Ab Itne Arman Lekar Jaye Kaha" to Narpatanu at 3/03/2012 08:54:00 PM

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