सुनो तुम लोट आओ ना ,
सूरज ढल गया है ,
और हसीं एक रात उतारी है ,
वो देखो चाँद निकला है ,
सितारे जगमगाए है ,
हमारी मुंतजीर आँखे ,
दुआए मांगती आँखे ,
तुम्हे ही ढुढती आँखों,
तुम्हे वापस बुलाती है ,
तुम्हारा अक्स फिर शयाद,
मेरी पलकों में उतरा है ,
कोई आंसू अगर आये ,
बहा के अब ना ले जाये ,
ये दिल जब भी धडकता है ,
तुम्हारा नाम लेता है ,
ये आंसू जब भी बहते है ,
तुम्हारी याद में बहते है ,
की जब बारिश होती है ,
तुम्हे ही याद करती है ,
सुनो तुम लोट आओ ना .....!!
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Posted By RASK "Ek Mithi si Shikayat" to Rask "Ek Mithi Si Shikayat" at 9/01/2011 09:01:00 PM --
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